नालंदा विश्वविद्यालय, प्राचीन भारत का एक प्रसिद्ध विश्वविद्यालय था। जिसे 5वीं शताब्दी में महाराजा कुमारगुप्ता ने स्थापित किया था। फिर 7वीं शताब्दी में राजा हर्षवर्धन ने नालंदा विश्वविद्यालय के दूसरे मंजिल का निर्माण करवाया था। इसके बाद बंगाल के महान राजा राजा देवपाल ने 9वीं शताब्दी में नालंदा के तीसरी मंजिल का निर्माण किया था। इस तरह नालंदा विश्वविद्यालय को तीन महान राजाओं द्वारा बनाया गया था। नालंदा यूनिवर्सिटी (Nalanda University)
नालंदा विश्वविद्यालय(Nalanda University) का इतिहास
नालंदा संस्कृत के दो शब्दों से मिलकर बना है “नालम” जिसका अर्थ है कमल और “दा” का अर्थ सरोवर। इन शब्दों से मिलकर विश्वविद्यालय का नाम रखा गया था। यह विश्वविद्यालय बिहार राज्य के राजगीर के निकट स्थित है। और लगभग 800 वर्षों तक इसमें विद्यार्थी शिक्षा प्राप्त करते रहे। नालंदा विश्वविद्यालय विशेष रूप से बुद्ध धर्मों, शास्त्रों और विज्ञान के अध्ययन के लिए प्रसिद्ध था। नालंदा विश्वविद्यालय में लगभग 108 विषयों का अध्ययन कराया जाता था। इसमें एक समय में लगभग 10000 विद्यार्थी शिक्षा प्राप्त करते थे। और करीब 2000 शिक्षक थे। इस विद्यालय में विश्व की सबसे बड़ी पुस्तकालय थी। नालंदा के पुस्तकालय का नाम “धर्मगंज” हुआ करता था। इस पुस्तकालय में कई सारे ग्रंथों और ज्ञान का भंडार था। नालंदा विश्वविद्यालय में भारत के विद्यार्थियों के साथ-साथ अन्य 17 देशों के विद्यार्थी भी शिक्षा प्राप्त करते थे।
परंतु 12वीं शताब्दी में सन् 1193 में मोहम्मद बख्तियार खिलजी ने नालंदा विश्वविद्यालय पर हमला कर दिया था। बख्तियार खिलजी जो एक तुर्क अफगान का सेनापति था। उसने विश्वविद्यालय पर हमला करके पूरा नाश कर दिया। और उसने वहां के विद्यार्थी और शिक्षकों , गुरुओं सबको मार डाला। उसने नालंदा के पुस्तकालय को पूरी तरह से जला दिया। जिसके कारण ज्ञान के भंडार कहे जाने वाले पुस्तकों और अन्य सारे महत्वपूर्ण ग्रंथों का नाश कर दिया। कई महीनो तक नालंदा विश्वविद्यालय का पुस्तकालय जलता रहा।
इस विश्वविद्यालय का पुनः निर्माण 21वीं शताब्दी में किया गया। लगभग 815 सालों के बाद नालंदा विश्वविद्यालय फिर से बनकर तैयार है। और इस नए विश्वविद्यालय को नालंदा यूनिवर्सिटी (Nalanda University) का नाम दिया गया। साल 2024 में नालंदा यूनिवर्सिटी का उद्घाटन भारत के प्रधानमंत्री “श्री. नरेंद्र मोदी” द्वारा की गई। aise hi or articles padhne ke liye hamare website https://infowebzine.com/ par jaye…
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