भारत ने 100 टन सोना विदेशों में गिरवी क्यों रखा था ?

भारत ने 100 टन सोना विदेशों में गिरवी क्यों रखा था? 21 मई 1991 ये वो तारीख है, जब भारत के प्रधानमंत्री “श्री राजीव गाँधी ” की तमिलनाडु में हत्या होती है। उसी रात एक प्लेन भारत से उड़ान भरता है, लेकिन ये प्लेन कोई आम प्लेन नहीं था। इसमें रखा था भारत का 20000 kg सोना। ये पहली बार था जब भारत ने अपना सोना गिरवी रखा था। इसके एक महीनें बाद ही सरकार बदली और पी. वी. नरसिम्हा राव भारत के 9वे प्रधानमंत्री बने। और डॉ. मनमोहन सिंह वित्त मंत्री बने। सरकार बदली लेकिन भारत के आर्थिक हालात में कोई बदलाव नहीं आया। जिसके बाद भारत को 47000 kg सोना और विदेशों में गिरवी रखना पड़ा। भारत ने 100 टन सोना विदेशों में गिरवी क्यों रखा था ?

बात है 1991 कि जब भारत अपना 100 टन सोना..

आप सोच रहे होंगे कि हम ये बात आपको क्यों बता रहे हैं? क्योंकि RBI से एक सूचना आई हैं, कि RBI विदेश में गिरवी रखा १०० टन सोना वापस भारत लाया जा रहा है।

ये बात हैं १९९१ कि जब भारत की आर्थिक हालात ठीक नहीं थी। भारत का विदेशी मुद्रा भंडार सिर्फ 2500 करोड़ का ही बचा था। और ऐसे हालात बन गए थे कि भारत को ऑइल और फ़र्टिलाइज़र इम्पोर्ट करना मुश्किल हो रहा था। तब RBI इस मुश्किल से बाहर निकलने की कोशिश करने लगे। उस वक्त “एस. वेंकट वेमनन” RBI के गवर्नर थे। और “एस. पी. शुक्ला” फाइनेंस सेक्रेटरी थे। उस वक्त “एस. चंद्रशेखर” भारत के प्रधानमंत्री थे। और जब 1991 का बजट होने वाला था। उससे 1 महीने पहले ही चंद्रशेखर सरकार गिर गयी। तब चंद्रशेखर कार्यवाहक प्रधानमंत्री बने। भारत का आर्थिक हालात ठीक करने के लिए RBI गर्वनर ने जापान का दौरा किया। लेकिन IMF और World Bank ने अपने हाथ खड़े कर दिए। अगस्त 1990 में RBI के गर्वनर ने कह दिया था कि भारत को अपने gold का 15% Emergency के लिए विदेश में रख देना चाहिए। फिर इस बात पर बहुत चर्चा हुई। 1991 में SBI द्वारा सोने को गिरवी रखकर Foreign Exchange हासिल करने का प्रस्ताव रखा था। April, 1991 में सरकार इस बात के लिए राजी हो गई।

21 मई 1991 को जब राजीव गाँधी की हत्या हो गई। उसी दिन 20000 kg. सोना प्लेन से विदेश ले जाकर गिरवी रख दिया गया। और इसके बदले भारत को 200 Million Dollar मिले। इसी बीच भारत में चुनाव हुए और पी. वी. नरसिम्हा राव ने भारत के प्रधानमंत्री के रूप में सपथ ली। RBI अपना काम करती रही और Bank Of England और Bank of Japan भारत का सोना गिरवी रखने के लिए राजी हो गए। बस शर्त यही थी, कि गिरवी सोना भारत के बाहर रखा जाये। सोने को विदेश ले जाया गया| और कुल 67000 kg. सोने के बदले भारत को 600 Million Dollar मिले। फिर भारत ने कुछ महीने बाद ही अपना सोना वापस छुड़वा लिया। लेकिन सोने को विदेश में ही सुरक्षित रखा गया। और 2009 में RBI ने 200 टन सोना और ख़रीदा। RBI ने कुछ सोना भारत में रखा और कुछ सोना विदेश में ही रहने दिया।

भारत के पास कुल कितना सोना है ?

आज के आकड़ों के हिसाब से भारत के पास कुल 822 मिट्रिक टन सोना है। जिसमे से 413.8 टन सोना विदेशो में सुरक्षित रखा गया है और 408.9 टन सोना भारत में है। और 2024 में RBI ने अपना 100 टन सोना भारत वापस लाया है।

अब बात ये आती है कि भारत ने अपना सोना भारत वापस क्यों लाया? जानकारों कि माने तो इसका एक कारण रूस – युक्रेन युद्ध से सिख भी हो सकती है। क्योकि रूस-युक्रेन युद्ध के कारण अमेरिका ने अमेरिका में रूस की संपत्ती को सीज कर दिया। जिसके कारण रूस को बहुत नुकसान हुआ। ऐसे में भारत ऐसे संभावनाओं को नजरअंदाज नहीं कर सकता। इसलिए भारत ने अपना सोना वापस लाना ही सही समझा।

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